आज जब मैं हाज़िर हूँ अपनी तीसरी किताब "माँ की ममता की छाँव में" लेकर तो मेरा मन आज भर आया है क्योंकि यह सिर्फ किताब ही नहीं एक भाव पूर्ण श्रद्धांजलि है। मेरी स्वर्गीय माँ श्रीमति रंजना अग्रवाल को। इस किताब के जरिए मैं नक-मस्तक हो कर प्रणाम करती हूँ उन सारी माँओं को जिन्होंने अपना सारा जीवन अपने बच्चों के नाम किया अपनी ममता के सागर की एक- एक बून्द अपने बच्चों पर बरसा दी। उनकी परवरिश में अपनी सारी जिंदगी लगा दी। इस किताब में सोलह कहानियां ऐसी है जो आपको माँ के महान व्यक्तित्व से रुबरु करवाएगी। मुझे उम्मीद है कि माँ जिसे प्रभु के समान माना गया है उसकी महानता का बखान आपके दिल को छुएगा।